आरपीएफकर्मियों की हत्या में रेलकर्मी भी शामिल, ट्रेन रोकने में करता था मदद , अब पेंट्रीकार कर्मी से लेकर सुरक्षा जवान भी शक दायरे में

—घटना वाली रात ट्रेन में तस्करों के पास मौजूद दी 100 बोतल के करीब शराब
NEWS GURU (पीडीडीयू नगर) । बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन में सफर के दौरान दो आरपीएफ कर्मियों की हुई हत्या के आरोप में गाजीपुर पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक रेलकर्मी भी शामिल है, जो प्रयागराज मंडल के नारायणपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैकमैन के रूप में तैनात था । पुलिस अधीक्षक के अनुसार रेलकर्मी ड्यूटी समाप्त होने के बाद शराब तस्करों के साथ मिलकर काम करता था। पुलिस अधीक्षक गाजीपुर के अनुसार घटना में 12 से 15 लोगों के शामिल है। सूत्रों के अनुसार ट्रेन में शराब तस्कर पीडीडीयू जंक्शन से ही सवार हुए थे । वही जांच के दायरे में पेंट्रीकार कर्मियों से कोच अटेंडेंट से लेकर सुरक्षा जवान भी है ।
गाजीपुर पुलिस और एसटीएफ गौतमबुद्ध नगर की संयुक्त टीम ने घटना की जांच शुरू की थी । जांच के दौरान पुलिस जहां जहां चेनपुलिंग हुई वहां वहां के बीटीएस का डाटा उठाया । इसके पीडीडीयू जंक्शन पर पहुंचने के बाद घटना वाले दिन की सीसीटीवी की फुटेज देखी और इसकी एक कॉपी अपने साथ ले गए । टीम ने रेलवे स्टेशन के आसपास के शराब को दुकानों के सेल्समैन से पूछताछ की । इसके अलावा सेल्समैन के मोबाइल नंबरों की सीडीआर लेकर उन नंबरों का मिलान शुरू किया । इस पूरी प्रकिया के दौरान पुलिस के हाथ कुछ ऐसे नंबर लगे जो शक के दायरे में आ गए । नंबरों की लगातार मॉनिटरिंग करने के बाद पुलिस ने चार लोगों उठा लिया । कड़ाई से पूछताछ के बाद सभी ने पूरी घटना के बारे में उगल दिया । इस बाद टीम बिहार के भगवतीपुर वजीतपुर के रहने वाले प्रेमचंद्र कुमार को आरपीएफकर्मियों के समान बरामद करने के लिए मौके पर ले गई । जहां उसने एसआई सुरेश मौर्या को धक्का देकर उनकी सरकारी पिस्टल छीन ली और मौके से भागने का प्रयास करने लगे। इस दौरान उसने पुलिस पर फायर कर दिया । पुलिस ने भी जवाब में फायर किया, इस दौरान पुलिस की गोली से प्रेमचंद्र घायल हो गया। जिसके बाद उसे सीएचसी पर भर्ती कराया गया । वहीं पुलिस ने हत्या के आरोप में विनय कुमार निवासी वार्ड नंबर 01 खगौल रोड नियर बिस्कुट फैक्टरी विकास कालोनी फुलवारी शरीफ पटना बिहार, पंकज कुमार निवासी निउरा कालोनी बीनापुर खमखगौल दानापुर बिहार और विलेन्द्र कुमार निवासी उसरी बाजार शाह पटना बिहार को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार विलेंद्र कुमार प्रयागराज मंडल में प्वाइंट मैंन के रूप में कार्यरत है। ड्यूटी से खाली होने के बाद वे शराब तस्करों के साथ मिलकर काम करता था । गाड़ी रोकने की जिम्मेदारी उसी की होती थी।
घटना वाले दिन तस्करों के पास थी 100 बोतल शराब
आरपीएफकर्मियों की हत्या की जांच के दौरान पुलिस के सामने कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है । पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना वाले दिन दो से तीन तस्कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से ही ट्रेन चढ़ गए थे । इसके बाद अन्य तस्कर शराब लेकर यार्ड में ट्रेन रोकने के बाद चढ़े है। सूत्रों के अनुसार घटना वाली रात तस्करों के पास 100 बोतल के करीब शराब थी जो कि लगभग एक लाख रुपए का माल था । सूत्रों के अनुसार घटना वाली रात बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन सबसे पहले ecom केबिन के पास रुकी थी । उस रात वहां एक आरपीएफकर्मी की ड्यूटी भी लगी थी ।
सख्ती के बाद भी शराब तस्करी ने ले लिए सिंडिकेट का रूप
ट्रेनों से शराब तस्करी धीरे धीरे एक सिंडिकेट का रूप ले चुका है। कई बार पुलिस ने स्टेशन पर और ट्रेन से शराब बरामद की । पुलिस की सख्ती के बाद भी बिहार शराब ले जाने का अवैध कारोबार एक सिंडिकेट का रूप ले लिया है। जिसका नतीजा रहा कि दो आरपीएफ कर्मियों को आप जान गवानी पड़ी । सबसे बड़ा सवाल यह है कि सुरक्षा बलों की सख्ती के बाद आखिर कैसे शराब तस्करी ने रेलवे में सिंडिकेट का रूप ले लिया, क्या सुरक्षा बलों में शामिल चंद वर्दीधारी इनके रहनुमा बने हुए है। दो पुलिस कर्मियों की मौत ने पुलिस साख पर भी सवाल खड़े कर दिए है ।