जिले में फर्जी बिल के पर आई कोडीनयुक्त सीरप की 2.32 लाख वायल, मौके पर पहुंची टीम को फर्म मिली बंद, सिरप को बाजार में खपा दिए जाने की आशंका

—औषधि निरीक्षक बृजेश कुमार मौर्य ने नागेंद्र कुमार सिंह और विशाल उपाध्याय के खिलाफ दर्ज कराई प्राथमिकी
— दवाइयों की जांच के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा औषधि विभाग
NEWS GUURU पीडीडीयू नगर : शहर में कोडीनयुक्त कफ सिरप की भारी मात्रा में अवैध खरीद–फरोख्त का बड़ा मामला सामने आया है। नगर के सिंह मेडिकोज ने दिल्ली के वान्या इंटरप्राइजेज से 25 अगस्त से 14 अक्टूबर 2025 के बीच पांच फर्जी बिलों पर 2 लाख 32 हजार 400 वायल कफ सिरप खरीदी। सूचना के बाद औषधि निरीक्षक बृजेश कुमार मौर्य मौके पर टीम के साथ पहुंचे तो फर्म बंद मिली । आशंका है कि प्रशासन के नाक के नीचे यह पूरा सिरप बाजार में खपा दी गई है। औषधि निरीक्षक की तहरीर पर दोनो फर्मो के प्रोपराइटर विशाल उपाध्याय और नागेंद्र कुमार सिंह पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है।
मुगलसराय थाना क्षेत्र के रविनगर निवासी नागेंद्र कुमार सिंह की कृष्णा नगर कॉलोनी में सिंह मेडिकोज के नाम से फर्म है। औषधि निरीक्षक की ओर से पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार नागेंद्र कुमार सिंह ने 25 अगस्त से 14 अक्टूबर 2025 के बीच दिल्ली के वान्या इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर और यूपी के सराहनपुर देहात के अशोक नगर कॉलोनी निवासी विशाल उपाध्याय से पांच फर्जी बिलों पर ईस्कूल कफ सिरप 02 लाख 32 हजार 400 वायल (100 एमएल) वायल खरीदी। यह सबकुछ प्रशासन के नाक के नीचे होता रहा और औषधि निरीक्षक को इसकी भनक तक नहीं लगी। 7 नवंबर को लखनऊ से सूचना मिलने के बाद सक्रिय हुए औषधि निरीक्षक बृजेश कुमार मौर्य टीम के साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के कृष्ण नगर कॉलोनी स्थित सिंह मेडिकोज पर पहुंचे पर वह बंद मिली। वहीं संचालक का मोबाइल स्वीच ऑफ मिला। इसके बाद उन्होंने मुगलसराय थाने में फर्म के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। मुगलसराय कोतवाल गगनराज सिंह ने बताया कि औषधि निरीक्षक के तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
सिरप है नारकोटिक्स श्रेणी की
कोडीनयुक्त सिरप नारकोटिक्स श्रेणी की दवा है, जिसका उपयोग केवल डॉक्टर की पर्ची पर सीमित मात्रा में किया जा सकता है। इसका गैर-चिकित्सकीय उपयोग नशे के रूप में अधिक किया जाता है और यह कड़ाई से नियंत्रित दवा श्रेणी में आती है।







