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ऑपरेशन आहट : आरपीएफ ने 06 बच्चों को किया रेस्क्यू…दो लोगों को किया गिरफ्तार

NEWS GUURU (पीडीडीयू नगर) । डीडीयू जंक्शन स्थित आरपीएफ के जवानों ने गुरुवार को बचपन बचाओ आंदोलन को टीम से साथ मिलकर 06 नाबालिको को सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन से रेस्क्यू किया । इस दौरान आरपीएफ ने नाबलिको को बालश्रम के लिए ले जाए जाने के आरोप में दो लोगो गिरफ्तार की किया है । बाद  आरपीएफ ने दोनो आरोपियों को मुगलसराय कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया और आगे की कारवाई में जुट गई ।

डीडीयू जंक्शन प्रभारी पीके रावत ने बताया की गुरुवार को सूचना मिली कि अप सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन से नाबालिक बच्चो को बालश्रम कराने के लिए ले जाया जा रहा है । बताया की ऑपरेशन आहट के तहत (rpf) आरपीएफ और बचपन बचाओ आंदोलन के कर्मियो के साथ टीम का गठन कर प्लेटफार्म पर ट्रेन के आने बाद चेकिंग शुरू की गई । इस दौरान ट्रेन के सामान्य श्रेणी के कोच में दो व्यक्तियों के साथ छह नाबालिक लड़के  बैठे मिले ।  संदेह होने पर नाबालिक लडको से पूछताछ करने पर सभी ने बताया कि वे लोग कानपुर (kanpur)और नई दिल्ली में (new delhi) सूजी,मैदा एवं खिलौना के फैक्टरी में काम करने के लिए जा रहे हैं। इसके बाद सभी 06 नाबालिक लड़कों एवं तस्करी के दोनो आरोपियों को ट्रेन से नीचे उतार लिया गया ।

बाद में सभी बच्चों की  काउंसलिंग  की गई। पकड़े गए आरोपियों को पहचान बिहार के पूर्णिया जिला अंतर्गत जलालगढ़ थाना के हांसी निवासी करण कुमार तथा अररिया जिला अंतर्गत बरदाहा थाना के ठेंगड़ी निवासी अजय कुमार के रूप में हुई । दोनों ने बरामद बच्चो को बाल मजदूरी करवाने के लिए कानपुर और दिल्ली  ले जाने की बात कबूल की । सभी नाबालिक बच्चो को रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क/डीडीयू को सही सलामत सुपुर्द किया गया । वहीं दोनो आरोपियो को मुगलसराय कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया ।  बच्चों को रेस्क्यू करने वाली टीम में रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट डीडीयू के उप निरीक्षक अमरजीत दास, उप निरीक्षक मुकेश कुमार,उप निरीक्षक अर्चना कुमारी मीना,प्रधान आरक्षी योगेंद्र कुमार ,आरक्षी राकेश कुमार सिंह और बचपन बचाओ आंदोलन के चंदा गुप्ता/सहायक परियोजना अधिकारी शामिल रहे।

12 घंटे काम के एवज में हर माह मिलते 12 हजार

आरपीएफ पोस्ट प्रभारी पीके रावत ने बताया की पूछताछ के दौरान दोनो आरोपियों के कबूल किया कि सभी बच्चों को सूजी , मैदा , खिलौना आदि फैक्ट्रियों के काम कराया जाना था । बताया की 12 घटे फैक्ट्री में काम करने के एवज में हर माह  12 हजार रूपए उन्हें मिलने वाले थे ।

 

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