क्राइमपीडीडीयू नगर

कमांडेंट साहब, क्या हुआ Court of Enqiry का , किस ताबूत में बंद कर दी गई है रिपोर्ट.. ?

NEWS GUURU (पीडीडीयू नगर) । आज से ठीक दो माह पहले बाड़मेर- गुवाहाटी एक्प्रेस ट्रेन में RPF के दो जवानों की हत्या शराब तस्करों ने कर उनके शवो को भदौरा और  गहमर रेलवे स्टेशन के बीच रेल ट्रैक पर फेंक दिया गया था । घटना के डीडीयू जंक्शन पर तैनात खाकी और शराब तस्करों के गठजोड़ का मामला तूल पकड़ने लगा लगा था । आनन फानन में RPF के उच्चाधिकारियों की ओर से घटना पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी गई । जिसकी रिपोर्ट घटना के तीस दिनों के भीतर सौंपी जानी थी । घटना के दो माह बाद भी रिपोर्ट का कुछ आता पता नहीं है । Rpf के अधिकारी मीडिया से बात करने बच रहे है । ऐसे में सवाल है कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में ऐसी कौन से तथ्य सामने आए है जिन्हें अधिकारी दबाना चाह रहे है, या फिर दो माह बाद भी रिपोर्ट पूरी नहीं हो पाई । सवाल यह भी है कि कहीं RPF की साख बचाने के लिए रिपोर्ट को ताबूत में बंद कर उसे दो गज जमीन के नीचे दफन तो नहीं कर दिया गया है । RPF ke अधिकारियों की ओर गठित इंक्वायरी को लेकर सवाल बहुत लेकिन अधिकारी इसका जवाब देने से बच रहे है ।

फाइल फोटो

जाने किन बिंदुओं पर होनी थी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी…

1.  आरपीएफ जवानों की मौत कैसे हुई.

2. आरपीएफ जवानों के साथ हुई घटना के पीछे कारण क्या है.

3. इस बिंदु में आरपीएफ के लोगो के संलिप्तता की जांच होनी  थी । इसमें तस्करों और आरपीएफ जवानों के नेक्सस की भी जांच होनी थीं.

शराब तस्करों और rpf जवानों के nexus पर रिपोर्ट देना सबसे कठिन काम

Court of Enqiry मे शुरू के दो बिंदुओं की जांच करना टीम के लिए सबसे आसान काम था , लेकिन तीसरे  बिंदु की जांच सबसे कठिन कार्य । तीसरे बिंदु की रिपोर्ट पर rpf की पूरी साख दांव पर लगी थी । हालांकि गाजीपुर पुलिस की की ओर से किए गए खुलासे में यह स्पष्ट हो चुका है कि तस्कर डीडीयू जंक्शन से ही चढ़े थे, शराब तस्करी में रेलकर्मी का हाथ था ।अब ऐसे में सवाल यह है कि  शराब तस्करी के खेल में तस्करों का डीडीयू जंक्शन से आवागमन होता था तो इसकी भनक स्टेशन पर तैनात पुलिसकर्मियों को क्यों नहीं लगा सकी । सवाल है कि सुरक्षा की दृष्टि से पीएसबी हाल में लगा लगेज स्कैनर क्यों खराब पडा रहा , सवाल यह भी है कि इंक्वायरी करने वाले अधिकारियों ने स्टेशन पर लगे महंगे सीसी कैमरे की फुटेज को खंगाला । वहीं दूसरी तरफ इंक्वायरी टीम में शामिल लोगों पर चर्चाएं शुरू हो गई थी, चर्चा थी कि इंक्वायरी में शामिल अधिकारी शक के दायरे में आए निरीक्षकों के batchmate थे । फिलहाल अब ये देखना दिलचस्प होगा कि अधिकारी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की dignity को ध्यान में रखते इसे साझा करेंगे या फिर यह रिपोर्ट हमेशा के लिए ताबूत में बंद हो जाएगी ।।

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