कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया ये फैसला ,पढ़ें पूरी खबर

–आमजन की सुविधा के लिए बदलेगा सड़कों के चौड़ीकरण का मानक, मुख्यमंत्री ने मांगा प्रस्ताव
कांवड़ यात्रा से जुड़े मार्गों की तत्काल कराएं मरम्मत: मुख्यमंत्री
ब्लॉक मुख्यालयों को 02 लेन रोड कनेक्टिविटी देने का कार्य यथाशीघ्र पूरा करने का निर्देश
NEWS GURU ( लखनऊ) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के स्थिति की समीक्षा की । इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) ne कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जनपदों में इनसे जुड़े मार्गों को 15 जुलाई के पूर्व शत प्रतिशत गड्ढमुक्त करने के निर्देश दिए ।मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मार्ग, जहां जलभराव होता है, उन स्थानों पर जल निकासी की व्ययस्था सुनिश्चित की जाए। ब्लॉक मुख्यालयों को 02 लेन सड़क की कनेक्टिविटी देने का संकल्प समय से पूरा होने की बात कही ।

स्टेट हाईवे में हुआ विस्तार
विगत 07 वर्षों में प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 के सापेक्ष आज 2024 में स्टेट हाइवे 7002 किमी से बढ़कर 10214 किमी हो गया है, जबकि ग्रामीण मार्गों की लंबाई 1,87,517 किमी से बढ़कर 1,93,581 किमी हो गई है। इसी प्रकार, प्रमुख जिला मार्गों और अन्य जिला मार्गों का संजाल में भी विस्तार हुआ है। आज प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 09 किमी मार्गों का चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण हो रहा है और हर दिन गांवों में लगभग 11 किमी नई सड़क बन रही है।
जांच में असुरक्षित पाए जाने पर सेतु पर बंद करें यातायात
50 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रदेश के सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराया जाए। उनके सुपर स्ट्रक्चर/पियर की स्थिति, सेतुओं के वाटर-वे में ब्लाकेज, पियर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेन्ट ढाल एवं बोल्डर का परीक्षण कराया जाना चाहिए। निरीक्षण के समय कोई सेतु असुरक्षित नज़र आता हो तो तत्काल उसे यातायात के लिए बंद किया जाए। स्थानीय जिला प्रशासन को इसकी सूचना दें।
परियोजना में लोक महत्ता का रखें ध्यान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क और सेतु हो अथवा आमजन से जुड़ी अन्य निर्माण परियोजनाएं, स्वीकृति देने से पहले उसकी लोक महत्ता का आंकलन जरूर किया जाए। विकास में संतुलन सबसे आवश्यक है। पहले आवश्यकता की परख करें, प्राथमिकता तय करें, फिर मेरिट के आधार पर किसी सड़क अथवा सेतु निर्माण की स्वीकृति दें। विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले।