निजी स्कूलों की लापरवाही बच्चों पर पड़ सकती है भारी , कई स्कूली वाहनों पास नहीं है फिटनेस सर्टिफिकेट

सड़क पर दौड़ रहे 90 स्कूली वाहनों के पास नहीं फिटनेस सर्टिफिकेट
NEWS GURU (चंदौली) । स्कूली वाहनों के नाम पर अभिभावकों से मोटी फीस लेने के बाद भी कान्वेंट स्कूल (convent school) संचालक बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। चंदौली (chandauli) जिले में बच्चों को स्कूल लाने ले जाने के लिए कई अनफिट वाहन भी काम में लिए जा रहे हैं। इसमें कई छोटे वाहन भी हैं। Arto विभाग के आंकड़ों के अनुसार पंजीकृत स्कूली वाहनों में 90 स्कूली वाहनों के पास फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं है । इसमें भी बसों की संख्या सबसे अधिक है। अनफिट वाहनों के सड़क पर दौड़ने से दुर्घटना की आशंक बनी रहती है।

चंदौली जिले में छोटे व बड़े स्कूल प्रबंधकों की ओर से बच्चों को घर से स्कूल लाने व ले जाने के नाम पर अभिभावकों से काफी मोटी रकम वसूली जाती है। इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन की ओर से वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र लेने में कोताही बरती जा रही है। जिले के एआरटीओ कार्यालय में वर्तमान 790 छोटे -बड़े स्कूली वाहन पंजीकृत हैं। इसमें बड़ी बस, मिनी बस(bus), मैजिक समेत अन्य गाड़ियां पंजीकृत हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार अभी तक विभिन्न स्कूलों के 90 वाहनों के पास फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं है। जबकि विभाग की ओर से ऐसे स्कूलों को लगातार नोटिस भेजने की कार्रवाई की जा रही है। अनफिट वाहनों में स्कूली बसों की संख्या सबसे अधिक है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार कुल 576 स्कूली बस है। इसमें से 64 के पास फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं है। शेष छोटे स्कूली वाहनों की संख्या कुल 204 है इसमें 26 वाहनों के पास प्रमाण पत्र नहीं है
जिन स्कूली वाहनों की फिटनेस फेल है उन्हें नोटिस भेजा गया है। यदि स्कूल संचालक की ओर से निर्धारित समयावधि के भीतर फिटनेस प्रमाण नहीं लिया जाएगा तो आवश्यक कार्रवाई के बाद पंजीजन रद्द कर दिया जाएगा – डा. सर्वेश गौतम, एआरटीओ प्रशासन, चंदौली