भ्रष्टाचार : जो डिप्टी सीएम ने देखा वो अबतक क्यों नहीं देख पाए अधिकारी..? बड़ा सवाल कि ट्रॉमा सेंटर के इस हाल के लिए जिले के अधिकारी भी दोषी क्यों नहीं..?

NEWS GUURU चन्दौली । जिले में पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर से सटे महेवा गांव में बन रहा ट्रॉमा सेंटर भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है । भ्रष्टाचार भी इस कदर का कि शनिवार को जिले में आए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का निर्माणाधीन ट्रॉमा सेंटर में इस्तेमाल होने वाली दोयम दर्जे की ईंट देखकर पारा चढ़ गया । उन्होंने कार्य स्थल पर रखी ईंटो को आपस में लड़ाकर उसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए । डिप्टी सीएम इतने नाराज हो गए कि एजेंसी को ब्लैकलिस्टेड करने और सरकारी धन की रिकवरी के आदेश से दिए । उनके कड़े तेवर से सभी लोग सकते में आ गए ।

डिप्टी सीएम का गुस्सा यहीं।यहीं नहीं शांत हुआ । उन्होंने एक पिलर पर चार इंच मोटा प्लास्टर लगा उसकी मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए । उन्होंने कार्यदाई संस्था के इंजीनियर को कड़ी फटकार लगाई । संस्था को ब्लैकलिस्टेड करने और रिकवरी कराने का आदेश दिया । अब यहां सवाल यह है कि डिप्टी सीएम ने जिन खामियों को पकड़ा उन्हें जिले का आलाधिकारी क्यों क्यों नहीं पकड़ पाए । जबकि निर्माण कार्य के दौरान जिले के अधिकारियों ने भी कई बार निर्माण कार्य की गुणवत्ता को परखा होगा ।

बता दें कि 08 दिसंबर 2018 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पाण्डे की पहल पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने महेवा गांव में हाइवे के किनारे ट्रॉमा सेंटर का शिलान्यास किया था । इसमें पांच के आईसीयू समेत दस बेड होंगे ।।
30 मई 2019 में ट्रॉमा सेंटर निर्माण का कार्य शुरू हुआ । उस दौरान इसकी लागत दस करोड़ रुपए थी । कार्य को समय से पूरा करने की मियाद 31 दिसंबर 2021 थी । मियाद पूरी होने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो पाया । इसके चलते इसकी लागत 10 करोड़ से बढ़कर 16 करोड़ 39 लाख रुपए हो गई । वही मियाद भी बढ़ाकर मार्च 2024 कर दी गई लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हुआ है । वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के दौरे में भ्रष्टाचार को जो कहानी आई है उसने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है।