चंदौली

18 वर्ष पहले हुई थी हत्या , अब आया  फैसला , दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा

अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम विनय कुमार सिंह ने सुनाई सजा

NEWS GURU (चंदौली) । धीना थाना क्षेत्र के कंजहरा में 18. वर्ष पहले हुई हत्या के मामले ने कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया । कोर्ट ने हत्यारोपी सीताराम गोंड़ व रामअवध गोंड़ को हत्या के अपराध का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । इसके साथ ही  30 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया है। वहीं  अभियुक्तों द्वारा अर्थदण्ड अदा न किये जाने की स्थिति में 02 वर्ष 3 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी ..

दरअसल 17 अप्रैल 2006 को कंजहरा निवासी नगेसर केशरी ने अपने छोटे भाई जगेसर केशरी के गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी ।. जिसमें बताया गया था कि जगेसर केशरी 30 वर्ष घर से दिन में करीब 10.30 बजे गाँव के ही रामेश्वर उर्फ सेठ गोंड़ पुत्र शम्भू गोंड़ के घर बताकर गया था लेकिन अभी तक वापस नहीं आया है । तलाश कर उचित कार्रवाई करने की कृपा करें । जिसपर रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की गई ।  तफ्तीश के दौरान 18-04-2006 को दीना पुत्र गोपाल शाह, ग्राम कंजेहरा द्वारा थाने पर सूचना दी गयी कि उसके चचेरे भाई की लाश ग्राम कंजेहरा के सिवान में अंगद यादव के खेत में रखे पुआल में। पड़ी है । तत्पश्चात आईपीसी की धारा 302, 201 में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की गई ।

विवेचक द्वारा गुणवत्तापूर्ण विवेचना एवं गवाहों के बयान के आधार पर रामेश्वर उर्फ सेठ गोंड़, सीताराम गोंड़ निवासीगण कंजेहरा थाना धीना रामअवध गोंड़ निवासी ग्राम कबिलासपुर थाना दुर्गावती जिला भभुआ बिहार व मुना उर्फ अयोध्या निवासी सब्जी मंडी जमानियां जनपद गाज़ीपुर को इस हत्या में लिप्तता पाई गई ।  जिसके आधार पर पुलिस द्वारा न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया.

अभियोजन की तरफ से कुल 7 गवाहों को परीक्षित कराया गया ।  दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम विनय कुमार सिंह ने अभियुक्त गण सीताराम गोंड़ व रामअवध गोंड़ को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा एवं 30 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा धारा 201 के अपराध में 3 वर्ष के कठिन कारावास की सजा एवं 3 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया ।  अर्थदण्ड के अदा न किये जाने की स्थिति में दो वर्ष, तीन माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी । सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी. इस मामले में सिद्धदोष द्वारा पूर्व में कारावास में बीताई गयी अवधि उनकी सजा में समायोजित की जाएगी.

गौरतलब है कि अभियुक्त मुन्ना उर्फ अयोध्या गोंड़ की मृत्यु हो गई है जबकी रामेश्वर उर्फ सेठ गोंड़ के नाबालिग होने की वजह से किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई हो रही है । अभियोजन की तरफ से अपर शासकीय अधिवक्ता फौजदारी संजय कुमार त्रिपाठी ने पक्ष रखा।

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