क्राइमचंदौली

चंदासी कोलमंडी में धड़ल्ले से होता लिंकेज कोयले का कारोबार !

NEWS GURU (पीडीडीयू नगर) । एशिया की प्रमुख मंडी में शुमार चंदासी कोलमंडी में लिंकेज के कोयले का कारोबार काफी धड़ल्ले से होता है । तमाम एजेंसियों की कार्रवाई के बाद भी इस कारोबार को कोई नहीं रोक पाया है । लिंकेज कोयले के कारोबार का लाभ हर किसी ने उठाया है । व्यापारी से अधिकारी तक कोई भी इस कार्य से होने वाले लाभ से अछूता नहीं रहा हैं। जीएसटी से लेकर सीबीआई और पुलिस भी इस कारोबार रोकपाने में नाकाम है। आसान भाषा में समझे तो खदान से निकलकर बड़े संयंत्रों में जाने वाली कोयले की ट्रकें चंदासी मंडी में आकर खप जाती है । इस खेल से मिलने मलाई व्यापारी से लेकर अधिकारी तक चाट जाते है !

देश में कोयले का कारोबार हमेशा से अकूत कार्रवाई का जरिया माना जाता है।  कहा जाता है इस धंधे में जो जुड़ा वो माला माल हो गया। ऊर्जांचल से चंदासी कोलमंडी तक यह कारोबार निर्विवाद रूप से चलता आया है । चंदासी कोलमंडी में लिंकेज कोयले का कारोबार काफी सुनियोजित तरीके से होता है। जनवरी 2022 में सीमावर्ती मध्यप्रदेश में अवैध कोयला भंडार का बड़ा मामला पकड़ में आया था। इसके बाद यूपी पुलिस जागी। तब पता चला कि कारोबार के तार कई प्रदेशों से जुड़े हैं। रेलवे साइडिंग पहुंचने वाला कोयला मंडी पहुंचने के मामले में कार्रवाई के बाद मंदा हुआ धंधा फिर से तेज हो गया है। जनवरी में सोनभद्र पुलिस ने कोयला लदे ट्रकों की जांच शुरू की तो बड़े खेल का पर्दाफाश हुआ। इस दौरान 22 ट्रक कोयला पकड़ा गया था। इसमें से कई ट्रक ऐसे थे, जिन पर कोयला मप्र के खंडवा जिले में स्थित पावर परियोजनाओं के लिए आवंटित हुए थे, मगर उसे उल्टी दिशा में चंदासी मंडी की ओर ले जाया जा रहा था। कार्रवाई के बाद कुछ दिनों तक मामला शांत रहा। अब फिर से यह खेल जोरों पर है। इसी क्रम में दो दिन पूर्व एसटीएफ ने सोनभद्र में चार ट्रक कोयला बरामद किया। जिसे चंदासी आना था। मार्च 2022 में चंदासी कोलमंडी में तीन ट्रक लावारिस हाल में कोयला लदे दो ट्रक मिले थे । जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि ट्रैक चालकों के पास बिल्टी कही और की थी और ट्रक मंडी में खड़े थे । इसी क्रम में सितंबर में भी लिंकेज से कोयले से संबंधित ट्रक को एसटीएफ ने पकड़ा था । सवाल ये है की आखिर इस कारोबार से जुड़े व्यापारियों के पास ऐसी कौन सी ताकत है इस कारोबार को तोड़ पाने में सरकारी मशीनरी नाकाम है ।

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