पीडीडीयू नगर

शराब तस्करों के बुलंद हौसलें, शराब तस्करी पर दो सांसदों की चिंता,  तस्करों और सिस्टम के रहनुमाओं के ठेंगे पर, आरपीएफ जवानों की हत्या के बाद भी शराब तस्करी का खेल जारी

NEWS GUURU पीडीडीयू नगर : पंडित दीनदयान उपाध्याय जंक्शन शराब तस्करी के लिए पूरी तरह से बदनाम हो चुका है । तस्करों के हौसले इस कदर बुलंद है कि भाजपा सांसद समेत दो सांसदों के शराब तस्करी पर सवाल उठाए जाने के बाद भी शराब तस्करी का खेल जारी है । नीले, काले पिट्ठू बैग से शराब ले जाने का दौर जारी है । यूं कहें कि नोटो के आगे पूरा सिस्टम बौना हो गया है। शराब तस्करी पर सांसदों की चिंता तस्करों और सिस्टम के रहनुमाओं के ठेंगे पर हैं।

जिले में एक अप्रैल को शराब की नई दुकानों का आवंटन हुआ । इसके बाद फिर से शराब तस्करी का खेल शुरू हो गया । सूत्रों के अनुसार हालात यह है कि रात को छोड़िए सुबह-सुबह काले- नीले पिट्ठू बैग लेकर युवा स्टेशन से ट्रेन पकड़कर जाते हुए दिख जाएंगे । यहां तक कि रात ट्राली पर रखकर शराब प्लेटफार्म तक ले जाई जा रही है । सूत्र बताते हैं कि शराब की बोतलों से शराब निकालकर उसे कूपी के जरिए कोल्डड्रिंक की दो लीटर की बोतलों में भर लिया जाता है । इसके बाद बड़े ही आराम से शराब ट्रेन के रास्ते बिहार पहुंच जाती है ।

हर दिन बिहार जाती है 10 से 15 लाख रुपए की शराब

शराब तस्करी के खेल बहुत बड़ा है । सूत्रों के अनुसार  हर दिन 100 युवा शहर की विभिन्न दुकानों के शराब खरीदकर बिहार ले जाते हैं । एक व्यक्ति के पास 10 से 15 हजार रुपए की शराब होती है। यानी प्रतिदिन 10 से 15 लाख की शराब बिहार जाती है । सिस्टम के रहनुमाओं का प्रतिशत निर्धारित है। यानी जितने की शराब उसका दस प्रतिशत रहनुमाओं का । सूत्रों के अनुसार सिस्टम के रहनुमा दस प्रतिशत की राशि सीधे अपने हाथ में नहीं लेते है । भ्रष्टाचार के खेल में ईमानदारी इस कदर है कि शराब का बैग लेते ही तस्कर दस प्रतिशत की राशि जमा हो जाती है ।

दो सांसदों ने उठाए शराब तस्करी पर सवाल

पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल में डिवीजनल कमेटी की बैठक में भदोही के भाजपा सांसद डॉक्टर विनोद कुमार बिंद ने कई अहम समस्याओं के साथ डीडीयू जंक्शन पर शराब तस्करी को लेकर खुलासा किया । उन्होंने कहा कि जिले में शराब तस्करी संस्थागत तरीके से फल फूल रहा है. डीडीयू जंक्शन से भारी मात्रा में शराब की तस्करी की जा रही है. देर रात बिहार जाने वाली ट्रेनों में छापेमारी की जाए तो भारी मात्रा में शराब की खेप बरामद हो जाएगी. उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों खासकर आरपीएफ को कटघरे में खड़ा किया था । वहीं चंदौली के सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भेजकर बिहार-यूपी सीमा से मादक पदार्थ की तस्करी की सीबीआई जांच की मांग की थी । उन्होंने कहा कि मेरा संसदीय क्षेत्र चंदौली की सीमा बिहार से सटी है। बिहार में शराबबंदी के कारण यूपी की सीमा से सड़क और रेल मार्ग के जरिये बड़े पैमाने पर शराब तस्करी हो रही है। इससे कानून व्यवस्था और बड़े पैमाने पर हजारों करोड़ रुपये राजस्व की हानि हो रही है।

आबकारी विभाग भी सवालों के घेरे में

जिले से बिहार में हो रही शराब तस्करी में आबकारी विभाग की भूमिका भी सवालों को घेरे में है। सवाल ये कि शराब की दुकानों से प्रति व्यक्ति के हिसाब से निर्धारित मात्रा से अधिक शराब बेची जाती है। जबकि सभी जगह आबकारी निरीक्षक और सिपाहियों की पोस्टिंग भी की गई है।  इसके बाद भी शराब तस्करी का खेल बदस्तूर जारी है ।

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