अनसुलझे सवालों और दबाव के बीच रोहिताश पाल हत्याकांड का खुलासे में सामने आई संपत्ति विवाद की थ्योरी को हजम नहीं कर पा रहे लोग, चाय की दुकानों पर चर्चाओं का दौर जारी…

NEWS GUURU पीडीडीयू नगर । नगर के प्रमुख दवा व्यवसाई रोहिताश पाल हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्या की साजिश के आरोप में तीन लोग को जेल भेज दिया है। इस खुलासे के बाद लोगों का आक्रोश थोड़ा शांत तो हुआ है लेकिन कई सवाल भी उठने लगे है। शहर का हर नागरिक रोहिताश के लिए न्याय मांगा रहा है लेकिन पुलिस ने साजिशकर्ता के रूप में जिन्हें गिरफ्तार किया है, उसे लोग सहज पचा नहीं पा रहे है। वहीं हत्या की वजह भी लोगों के गले से आसानी से नीचे नहीं उतर रही है ।
खुलासे के बाद से चट्टी, चौराहों से लेकर चाय की दुकानों पर चर्चाओं का दौर जारी है , हर किसी के मन में एक ही सवाल कौंध रहा है कि ‘का हो भइया इ लोग अइसन भी करवा सकेलन’… आम जनमानस का ये सवाल पुलिस की थ्योरी को कठघरे में खड़ा कर रहा हैं। लोग सवाल कर रहे है कि एक तरफ शूटर के बारे में पुलिस पूरी तरह से खाली है वहीं दूसरी तरफ साजिशकर्ता के रूप में तीन व्यापारियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है । लोगों की जुबान पर सवाल है कि आखिर पुलिस ने शूटर और साजिशकर्ताओं के बीच में ऐसे कौन सी कड़ी को तलाश लिया है, ? सवाल है कि यदि पुलिस ने कड़ी के तलाश लिया है तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई है ? हत्या के आरोप में जेल जाने वालो नगर के दो व्यापारियों के परिवार वालो ने आरोप भी लगाया कि पुलिस ने पांच दिन से दोनों लोगों को थाने में बैठाया हुआ था। लोगो ने मन में सवाल है कि आखिर ऐसे कौन से साक्ष्य पुलिस के हाथ लगे है जिसमें शूटर और साजिशकर्ताओं के बीच संबंध को स्टैबलिश कर दिया है ..? हालांकि हर कोई रोहिताश पाल को न्याय दिलाने को बेचैन है लेकिन पुलिस के इस खुलासे ने उसे और अधिक व्याकुल कर दिया है
नगर में कुछ स्थानों पर लोगों से हुई बातचीत के अंश
–गल्लामंडी व्यापारियों का गढ़ माना जाता है । जायसवाल बिरादरी के लोगों की संख्या सबसे अधिक है। बुधवार की सुबह लगभग साढ़े आठ बजे यहां सुबह चाय की चुस्की के साथ चौराहे पर लोगो के बीच चर्चा गर्म रही कि क्या वाकई में भानु, मनोज और ओमप्रकाश ने रोहिताश की हत्या करवाई होगी। मनोज के जानने वाले उनके एक परिचित ने कहा कि भईया ई विश्वास ना होत हव की मनोज हत्या करवा सकेलन लेकिन का करबा पुलिस जवन कहत है ओके सबके माने के पड़ी
कालीमहाल चौराहे पर भी चाय की दुकानों पर घटना के खुलासे को लेकर चर्चा होती रही । लोग सवाल करते नजर आए कि किसी भी हत्या के मामले में पुलिस पहले शूटर को पकड़ती थी और बाद में साजिशकर्ताओं तक पुलिस पहुंचती थी लेकिन यहां पुलिस साजिशकर्ताओं को पहले पकड़ लिया और शूटर का पता ही नहीं ।
नगर में रोजा कालोनी को जाने वालें गेट के पास चाय की दुकान पर लोग चर्चा करते रहे कि कोई भी व्यक्ति जब रुपया लगा देगा तो वो हत्या क्यों करवाएगा, लोगो की जुबान पर सवाल था कि हर कोई जनता है कि संपत्ति विवाद में कोई घटना होगी तो पहला शक उस पर ही जाएगा जिससे विवाद होगा, तो ऐसे में वो लोग क्या हत्या करवाएगा..?
लोगो के उबाल के पीछे कहीं ना कहीं डर भी शामिल
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर जिले का शांत शहर है । हर शहर की तरह यहां भी लोगो के बीच आपसी विवाद और मतभेद होते रहे है लेकिन बहुत कम हुआ हो की इस तरफ से भाड़े के शूटर बुलाकर किसी की हत्या करवाई गई । दरअसल रोहिताश पाल की हत्या ने लोगो में गुस्सा तो पैदा लिया लेकिन एक डर ने भी जन्म ले लिया था कि आज रोहिताश के साथ हुआ कल को अन्य किसी के साथ ना हो जाए, इसने लोगो को एक जुट कर दिया। लोग क्षेत्र में संगठित अपराध के पनपने की आशंका घर कर गई है ।ऐसे में इस घटना से सबसे अधिक डर व्यापारियों को है ।







