ट्रेन में आखिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों आरपीएफ जवानों को गवानी पड़ी अपनी जान…सभी पहलुओं को खंगाल रही पुलिस

NEWS GURU (पीडीडीयू नगर) । स्थानीय रेलवे क्षेत्र के मानस नगर और यार्ड पोस्ट पर तैनात आरपीएफ कांस्टेबल प्रमोद कुमार और मोहम्मद जावेद की मौत हत्या की ओर इशारा रही है । दोनों कांस्टेबल की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए है । सवाल ये कि पीडीडीयू जंक्शन से ट्रेन के खुलने के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ होगा कि दोनों जवानों के शव भदौरा और गहमर रेलवे स्टेशन के बीच में रेलवे ट्रैक के किनारे पड़े मिले । वहीं दूसरी तरफ शव जिस हाल में मिले उससे मामले को और अधिक पेचीदा बना दिया है । फिलहाल आरपीएफ और गाजीपुर जिले की पुलिस सभी पहलुओं को खंगालने में जुटी हुई है ।
आरपीएफ मानस नगर पोस्ट पर तैनात कांस्टेबल प्रमोद कुमार और यार्ड पोस्ट पर तैनात मोहम्मद जावेद मोकामा घाट ट्रेनिंग सेंटर जाने के लिए सोमवार की रात लगभग 12:40 पर पीडीडीयू जंक्शन से 15631 बाड़मेर गुवाहाटी ट्रेन में सवार हुए । इसके बाद मंगलवार की सुबह दोनों जवानों का शव भदौरा और गहमर रेलवे के बीच रेलवे ट्रैक किनारे पड़ा मिला । दोनों शव एक दूसरे से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर पड़े थे । इसमें से एक जवान के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था बल्कि पैरों में मोजे थे। वहीं दूसरी दूसरे जवान के शरीर पर पैंट और बनियान थी । इसके अलावा दोनों जवानों का बैग ट्रेन के coach number B3 के 07 पर। पड़ा मिला था । इस तरह से शवों के मिलने से पुलिस भी घटनाक्रम को लेकर थोड़ा उलझ गई है । फिलहाल सभी के जहन में आखिर ऐसा क्या हुआ होगा कि किसी ने भी जवानों को इस तरह से ट्रेन से नीचे फेंका गया।
कहीं शराब तस्करों का हाथ तो नहीं
दो आरपीरफकर्मियों की दर्दनाक मौत ने सभी को सकते में डाल दिया है । घटना के पीछे शामिल लोगों को तलाशने में पुलिस जुटी हुई है। घटना के पीछे शराब तस्करों के एंगल को भी पुलिस खंगाल रही है। दअरसल बिहार जाने वाली ट्रेनों में शराब तस्करी का खेल बड़े पैमाने पर होता है । सूत्रों के अनुसार बड़े स्टेशनों पर सख्ती के बाद अब तस्कर, छोटे छोटे स्टेशन और हॉल्ट से ट्रेन में शराब चढ़ाने लगे है । एक हिन्दी दैनिक अखबार ने 15631 डाउन ट्रेन के धीना रेलवे स्टेशन पर चैनपुलिंग कर ट्रेन रोकने की खबर भी प्रकाशित की है । सवाल यह है कि क्या घटना की शुरुआत धीना रेलवे स्टेशन से हो गई थी। क्योंकि धीना से भदौरा स्टेशन की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है । ऐसे में वहीं से कुछ ऐसा हुआ कि भदौरा तक ट्रेन के पहुंचते पहुंचते घटना को अंजाम दे दिया गया हो । बाकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी । आरपीएफकर्मियों के मौत के राज को खोलना पुलिस के चुनौती बन गया है ।