रोहिताश पाल हत्याकांड को आज हुआ एक माह, एसपी की स्पेशल 09 नहीं ढूंढ पाई शूटरों को….

NEWS GUURU चंदौली : पीडीडीयू नगर के प्रमुख दवा व्यवसायी रोहिताश पाल हत्याकांड को आज एक माह हो गए । पुलिस अधीक्षक आदित्य लांघे की ओर शूटरों की तलाश ने लगाई स्पेशल 09 टीमें अब शूटरों को तलाश भी पाई है । जबकि इस स्पेशल टीम में जिले के काबिल पुलिसकर्मियों को लगाया गया था । कुछ पुराने पुलिसकर्मियों से भी मदद को गई थी । बावजूद इसके पुलिस के हाथ अब तक खाली है। हालांकि लोगों के आक्रोश के बाद पुलिस ने त्वरित गति से साजिशकर्ताओं की तलाश करते हुए तीन व्यापारियों को जेल दिया था । हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई के बाद से लोगों का आक्रोश तो थम गया लेकिन मन शूटरों को लेकर सवाल तो सुलग रहे है ।
जिले में आज भी कई हत्याओं की कहानी सुलझ नहीं पाई है, अब लोगों के मन में संशय घर कर गया है कि कहीं अन्य हत्याओं की तरफ रोहिताश पाल के शूटरों की शिनाख्त हो ही ना पाए और सब कुछ फाइलों में ही दम ना तोड़ दे ।
जिले में अनसुलझी हत्या की वारदातें
जिले में आज भी कई हत्याओं को खुलासा पुलिस नहीं कर पाई है। हाल-फिलहाल में अनसुलझी हत्या की चर्चा करें तो जून 2024 में पुलिस अधीक्षक आदित्या लांग्हे के कार्यभार संभालने के बाद 10 अगस्त 2024 को मुगलसराय के चंदासी पुलिस चौकी के सामने सड़क के दूसरी तरफ बाइक मिस्त्री ओमप्रकाश गुप्ता की गोली मारकर हत्या की गई थी। हत्या करने वाला शूटर अच्छा निशानेबाज था कि उसने चलती बाइक पर ओमप्रकाश को गोली मारी थी। एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद शूटर आज तक नहीं मिल पाये। इस घटना क्रम में पुलिस को सीसी कैमरे में कुछ नहीं मिला था।
इसके बाद 17 सितंबर 2025 को मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र मोहम्मदपुर गांव स्थित एक मकान के कमरे में चमौली देवी (65) का शव मिला था। वृद्धा के सिर पर चोट के निशान थे। पास में एक ईंट थी, इस पर खून के निशान थे। इस हत्या की गुत्थी भी अभी तक नहीं सुलझ पाई है ।
— सितंबर 2023 में नौगढ़ में एक सूटकेस में युवती का शव मिला था। युवती की ना तो शिनाख्त हो पाई और ना इस मामले का खुलासा अब तक हो पाया ।
साजिशकर्ता तो गिरफ्तार लेकिन साजिश कैसे रची इसका पता नहीं
पुलिस ने रोहिताश पाल हत्याकांड में साजिशकर्ताओं के रूप में तीन व्यापारियों को जेल तो भेज दिया लेकिन कई सवालों के जवाब अधूरे पड़े हैं । सबसे महत्वपूर्ण सवाल की आखिर साजिशकर्ताओं ने रोहिताश पाल की हत्या की साजिश कैसे रची, सवाल ये कि रोहिताश का जमीन से जुड़ा विवाद पुराना था, ऐसे में अचानक से क्या हुआ कि व्यापारियों को रोहिताश की हत्या करवानी पड़ी, रोहिताश की हत्या के साजिशकर्ताओं और शूटरों के बीच सौदा किसने तय करवाया होगा, सवाल ये कि साजिशकर्ताओं के घर के आसपास या फिर मोबाइल नंबर की डिटेल से कोई सुराग पुलिस को नहीं मिला की इनके और शूटरों के बीच संबंध स्थापित हो सके। हालांकि ये हो सकता है शूटर अलर्ट ना हो जाए शायद इसलिए पुलिस इन सवालों के जवाब आज तक किसी को नहीं दिए ।
बहराल एक माह बाद भी शूटरों के पकड़े नहीं जाने से लोगों के मन में सवाल जिंदा है ।
एसटीएफ भी शूटरों तक पहुंचने में नाकाम
उत्तर प्रदेश की तेज तर्रार टीम के रूप में चर्चित STF (स्पेशल टास्क फोर्स) भी शूटरों को ढूंढ पाने में नाकाम रही है । एसटीएफ की टीम भी घटना के बाद चार पांच दिनों तक जिलें में और आसपास के क्षेत्र में खूब हाथ पांव मारती रही लेकिन उसके भी हाथ खाली रहे ।
300 सीसीटीवी में भी कई जगह दिखा शूटर
रोहिताश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस 300 सीसीटीवी को खंगाल चुकी है । कई जगह शूटर दिखाई दिया लेकिन चालाक हत्यारे पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गए ।







