उत्तर प्रदेशराजनीति

राजनीति में सितारे की तरह उभरे डॉ. बिनोद बिंद, मझवां सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा की जीत ने बढ़ाया डॉक्टर का कद

NEWS GUURU चंदौली : पूर्वांचल की राजनीति ने लगभग तीन साल के अल्प राजनीतिक कार्यकाल में डॉ विनोद बिंद एक सितारे की तरह उभर कर सामने आए है । हाल ही में यूपी में संपन्न हुए विधानसभा के उपचुनाव में मझवा सीट पर डॉक्टर बिनोद की मौजूदगी ने भाजपा को जीत दिलाई , जिसने उनका कद और अधिक बढ़ा दिया है । जातीय समीकरण के हिसाब से कठिन मानी जा रही मझवा सीट पर भाजपा की प्रत्याशी रही सुचिष्मिता मौर्य ने सपा की प्रत्याशी रही ज्योति बिंद को हराया । ज्योति बिंद मझवा सीट से 2002 से 2012 लगातार तीन बार बसपा से विधायक रहे रमेश बिंद की बेटी है । रमेश बिंद का मझवा सीट पर अच्छा होल्ड माना जाता है । ऐसे में यहां भाजपा प्रत्याशी का जीतना डॉ बिनोद बिंद के लिए नाक का सवाल बना गया था ।

डॉ बिनोद बिंद

भदोही सांसद डॉक्टर बिनोद बिंद हड्डी रोग विशेषज्ञ है । सपा से अपनी राजनीत शुरू करने वाले डॉ बिनोद बिंद तीन साल के छोटे से राजनीतिक कार्यकाल में उस मुकाम को छू लिया है, जो कई लोगों के लिए सपना होता है । तीन साल के भीतर डॉक्टर बिनोद बिंद मझवा सीट से एक  बात विधायक बने । इसके बाद भाजपा ने उन्हें भदोही से सांसदी का चुनाव लड़ाया। विपरीत परिस्थिति ने भी चेहरे पर मुस्कान बनाएं रखने की काबिलियत रखने वाले डॉ विनोद बिंद ने लोकसभा चुनाव जीत लिया । उनके संसद बनने के मझवा की विधानसभा सीट खाली हो गई । हाल ही में हुए उपचुनाव में भाजपा ने 2012 में विधायक रही सुचिष्मिता मौर्या को फिर से प्रत्याशी बनाया । सुचिष्मिता मौर्य 1996 में भाजपा से विधायक रहे राम चंद्र मौर्या की रिश्तेदार बताई जाती है ।

मझवा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा में तीन बार के विधायक रहे रमेश बिंद को पुत्री ज्योति बिंद को प्रत्याशी बनाया था। वही दूसरी तरफ बीएसपी ने दीपक तिवारी को प्रत्याशी बनाया था । जातीय समीकरण के हिसाब से चुनाव काफी कठिन हो गया था। मझवा विधानसभा सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है । इसके अलावा बिंद वोटो की संख्या अच्छी है । ऐसे में ज्योति बिंद की मौजूदगी से चुनाव कठिन हो गया था। वही बसपा ने दीपक तिवारी को टिकट देकर ब्राह्मण ओर दलित वोट बैंक को साधने को कोशिश की थी । ऐसे में भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनावी मुकाबला काफी कड़ा हो गया था । भाजपा ने भदोही सांसद डॉ विनोद बिंद को सीट की जिम्मेदारी दी । दूसरी तरफ सपा ने उपचुनाव में चन्दौली सांसद वीरेंद्र सिंह को मझवा सीट का प्रभारी बना दिया । इस सीट पर मुकाबला काफी टफ हो गया। डॉ विनोद बिंद  के विपक्ष में चंदौली सांसद और सांसदी का चुनाव हारने वाले रमेश बिंद, जो कि मझवा सीट पर अच्छा होल्ड रखें थे । तमाम उठापटक के बीच राजनीति ने नए खिलाड़ी डॉ विनोद बिंद ने दिग्गजों को पानी पीला दिया । भाजपा की प्रत्याशी ने मझवा से जीत दर्ज की । इस जीत जीत ने पार्टी में ड्रॉ बिनोद बिंद के कद बढ़ा दिया है ।

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