एक स्टेशन ऐसा जहां हर रोज सैकड़ों यात्री अपनी जान को डालते हैं खतरे में !

NEWS GUURU पीडीडीयू नगर : पूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख रेलवे स्टेशनों ने शुमार पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन पर यात्री अपनी जान खतरे में डालकर ट्रेनों से उतरते है । यह जानकार आपको हैरानी हो रही होगी । दरअसल डीडीयू जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 05 और 06 की लंबाई कम है। ऐसे में अप की ओर से आने वाली ट्रेनों के चार से पांच कोच प्लेटफार्म पर पहुंच ही नहीं पाते। उन्हें रेलवे लाइन पर उतरना पड़ता है जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकता है। यात्री अपनी जान हथेली पर रखकर रेल पटरियों पर चलकर प्लेटफार्म पर पहुंचते हैं।

हावड़ा दिल्ली रूट पर अति व्यस्त पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर रोजाना 110 ट्रेनें पहुंचती हैं। वर्तमान में स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही है। ऐसे में रोजाना लगभग दो सौ ट्रेनें स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पहुंच रही है। यहां रोजाना 25 से तीस हजार यात्री ट्रेनों पर सवार होते हैं और उतरते हैं। सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनें 24 कोच वाली होती है लेकिन स्थानीय रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म 24 कोच लायक नहीं है। चौबीस कोच वाली ट्रेन के लिए प्लेटफार्म की लंबाई छह सौ मीटर होनी चाहिए लेकिन संख्या पांच और छह की लंबाई पांच सौ मीटर है। अप की ओर जाने वाली ट्रेनें यदि पांच अथवा छह नंबर प्लेटफार्म पर आती हैं तो ऐसे में इसके चार से पांच कोच प्लेटफार्म के बाहर रहते हैं। आम तौर पर ट्रेनों में जनरल कोच के साथ महिला और दिव्यांग कोच पीछे रहते हैं। ऐसे में इन कोच में सवार लोगों को जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन पर उतरना पड़ता है।

प्लेटफार्म
संख्या 05 और 06 पर रोजाना 30 से अधिक ट्रेने रुकती हैं। इनसें ढाई हजार से अधिक यात्री रेलवे लाइन पर उतरते हैं और कोच में सवार होते हैं। यह कहानी सिर्फ इस प्लेटफार्म की नहीं है। प्लेटफॅार्म संख्या तीन चार की लंबाई भी मानक के अनुरूप नहीं है। इस प्लेटफार्म पर डाउन की ओर जाने वाली ट्रेनों के दो कोच प्लेटफार्म के बाहर रहते हैं। वहीं प्लेटफार्म संख्या
01 और
02 पर लाइन शहीद बाबा की मजार है। ऐसे में एक नंबर प्लेटफार्म पर आने वाली डाउन की ट्रेनें के एक कोच प्लेटफार्म के नीचे रह जाता है। इनसे भी लगभग ढाई हजार यात्री रेलवे लाइन पर उतरते हैं।

ट्रेन खुलने पर पता चलता है कि प्लेटफार्म आ गया
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या पांच और छह पर आने वाली ट्रेनों के जनरल कोच में बैठे यात्रियों को आम तौर पर पता ही नहीं चलता कि प्लेटफार्म आ गया है। इसका कारण है कि उनका कोच प्लेटफार्म के बाहर रहता है। यात्रियों को लगता है कि ट्रेन स्टेशन के पहले यार्ड में खड़ी है। जब ट्रेन खुलती है तब पता चलता है कि, यहां उतरना था। इस चक्कर में कई बार यात्री चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकते हैं और इसके लिए जुर्माना अदा करते हैं।