शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर करते थे ठगी, अब तक 2500 लोगों से 150 करोड़ रूपए की ठगी की। पढ़ें पूरी खबर

NEWS GURU (लखनऊ) । एसटीएफ और लखनऊ पुलिस की संयुक्त टीम ने शेयर बाजार से लोगो को के गुना मुनाफा दिखाकर रुपए ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है पुलिस के अनुसार गिरोह से सदस्य फर्जी डिमेट (ACCOUNT) अकाउंट खोलकर करोड़ो रुपए गटकने में आरोप में। चार लोगों को गिरफ्तार किया है । पुलिस के अनुसार अब तक 2500 निवेशकों से लगभग 150 करोड़ रुपए गटक चुके हैं।

पुलिस के अनुसार ये लोग झांसा देकर पहले लोगो का डिमेट अकाउंट खुलवाते थे। इसके बाद लोगो से उसमें निवेश कराते थे । इसके लिए गिरोह के सदस्यों ने कई फर्जी कंपनियां भी बना रखी थी। निवेशकों को लुभाने के लिए अच्छी अच्छी स्कीम भी चला रखी थी । संयुत टीम ने इस फर्जीवाड़े के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है । गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नासिर अली व उसकी पर पत्नी सलमा बानो पत्नी नासिर अली निवासीगण आजाद नगर चिल्लावा थाना सरोजनी नगर लखनऊ , जाकिर निवासी आजाद नगर चिल्लावा थाना सरोजनी नगर लखनऊ और सौरभ बाबू निवासी देवरी थाना लालगंज जनपद बस्ती के रूप में हुई है । पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि नासिर अली अपनी पत्नी, भाई और अन्य लोगों के साथ मिलकर शेयर मार्केट में निवेश कराकर निवेशकों के पैसे हडपने का कार्य करते हैं।

ऐसे देते थे घोटाले को अंजाम
पुलिस ने बताया किनासिर अली द्वारा वर्ष 2018 से इस कार्य को कार्य किया जा रहा है। जिसके लिए उसने कई फर्म Fans Capital Services, Ambia Insurance Marketing आदि कंपनियां बनाई है । ऐसे में नासिर अली व अन्य के द्वारा लोगों को लोक लुभावन वादे देना कि यह एक सुरक्षित निवेश है जिसमें निवेशक की मूल पूँजी हमेशा सुरक्षित रहेगी और यदि निवेशक अपना पैसा वापिस लेना चाहे तो 03 दिन पूर्व हमे सूचना देकर अपनी निवेशित पूँजी अपने बैंक खाते में वापिस ले सकता है। निवेशक की पूरी निवेश पूँजी के उपयोग करने का अधिकार नासिर अली व सलमा बानो के पास रहेगा और निवेशक को निवेशित पूँजी का 10 प्रतिशत प्रति माह निवेशक के खाते में जमा कराया जाता रहेगा। निवेशकों को किसी प्रकार का शक न हो इसके लिए गूगल प्ले स्टोर पर एक एप “फैन कैपिटल सर्विसेस” के नाम से बनाया गया , जिसका एडमिन राईट नासिर अली के पास था ।।इस एप के माध्यम से निवेशकों की डिटेल लेकर उनका खाता खोला जाता था जिस पर निवेशकों की निवेशित रकम का व्योरा अपने अनुसार दिखाया जाता था खोले गये फर्जी डीमैट खातों को उसी एप के माध्यम से निवेशित धनराशि का लाभ दिखाने के लिए किया जाता है परन्तु बैकएण्ड पर कोई इस तरह के बैंकिंग सिस्टम को न संचालित करते हुए केवल निवेशकों को पैसों से ही उन्हें भुगतान करते हुए छद्म बैलेंस दिखाने एवं कुछ समय बाद लाभ को खाते में न दिखाते हुए उसे प्रिंसिपल अकाउंट में ऐड करना बताया जाता बाद में अपने ही अंतर्गत एप का एडमिन राईट होने से उसे नियंत्रित करते हुए जिन खातों की देनदारी अधिक हो जाती है उसे डीएक्टिवेट करके निवेशकों को झूठी सूचना देते रहना तथा पैसा मांगने पर सर्वर अपडेट, सॉफ्टवेर अपडेट, आदि बहाने बताकर भुगतान को लंबित रखते थे । धीरे धीरे निवेशकों को कानूनी दांवपेंच में फँसाने की धौंस दिखाने के लिए फर्जी मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर डराता था। पैसे न देने के नियत से एडमिन पैनल से उनके खातों में हेराफेरी कर बैलेंस को निल कर देने का कार्य कर रहें हैं। जिन निवेशकों द्वारा अत्यधिक दबाव बनाया गया उन्हें फर्जी हस्ताक्षर का चेक प्रदान किया गया जो बाद में बाउंस हो गये।