पीडीडीयू नगर

14 वर्षों से गीता की सेवा कर रहा है शाबाद़, पढ़ें पूरी कहानी …

14 वर्ष से शाबाद बेटे की तरह बुजुर्ग महिला की कर रहे निस्वार्थ सेवा 

NEWS GURU (पीडीडीयू नगर)। फिल्म धूल का फूल एक काफी प्रसिद्ध गीत ” तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा” आप सभी ने सुना होगा । आज इसी की मिसाल बन चुका है पंडित दीनदयाल नगर के सिकटिया का रहने वाला मो.शाबाद । वो पिछले 14 सालों से गीता की सेवा कर रहा है । गीता 70 साल की एक बुजुर्ग महिला है , जिसका आज दुनिया में कोई नही है । गीता की सेवा शाबाद एक बेटे की तरह कर रहा हैं।

शाबाद, सुबह और शाम अपने घर से खाना बनवाकर ले जाते हैं और उन्हें खिलाता हैं। बीमार होने पर दवा कराते हैं और उनका अपनी मां से बढ़कर ख्याल रखते हैं। महिला खुद से खड़ी तक नहीं हो पाती है। स्थिति यह है कि बेसहारा बुजुर्ग महिला की बीमारी और स्थिति को देखते हुए लोगों ने एक दो साल में मर जाएगी ऐसा कहा था पर शाबाद की सेवा ने बुजुर्ग को 14 साल की जिंदगी दी है।

पंश्चिम बंगाल के दमदम की रहने वाली गीता देवी ने रेलवे में कार्यरत वाराणसी निवासी एसपी सिंह से प्रेम प्रसंग के बाद शादी कर ली। जो एसपी सिंह की दूसरी शादी थी। शादी से दोनों ही परिवार के लोगों में नाराजगी थी। परिवार के लोग इसका लगातार विरोध कर रहे थे। ऐसे में एसपी सिंह गीता के साथ यूरोपियन कालोनी स्थित रेल क्वार्टर में रहने लगे। वर्ष 1972 में एसपी सिंह की हत्या कर दी गई और परिजनों ने रेलवे से मिलने वाली सभी सुविधाएं पहली पत्नी को दिला दिया। गीता देवी के पास अब कुछ नहीं बचा। ऐसे में जीवन यापन करने के लिए गीता ने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। करीब 15 वर्ष तक ट्यूशन पढ़ाने के बाद अचानक से गीता देवी की तबीयत खराब हो गई और वह बिस्तर पर पड़ गईं। बिस्तर से उठने भर की भी ताकत उनके पास नहीं थी। गीता देवी के बीमार होने की जानकारी जब सिकटियां निवासी मो.शाबाद को हुई तो उसने गीता देवी की आजीवन सेवा करने का प्रण लिया। शुरूआत में आसपास के लोग शाबाद पर इस बात पर हंसी भी उड़ाते लेकिन शाबाद ने लगातार 14 वर्ष तक बुर्जुग गीता देवी की सेवा कर क्षेत्र में मिशाल कायम किया। शाबाद रोजाना दोनो समय अपने घर से खाना बनाकर लाता है और वृद्धा को खिलाता है। उनकी दवा की भी व्यवस्था करता है। उनको नहलाना, उन्हे कपड़े पहनाना समय समय पर कपड़े दिलाना और हिंदू पर्व पर उनके मन पंसद व्यंजन आदि भी खिलाते हैं।

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