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आरपीएफ जवानों की मौत पर भारी पड़ रहा शराब तस्करों का System..!

NEWS GUURU पीडीडीयू नगर : SYSTEM… अंग्रेज़ी के इस शब्द को सभी ने कभी ना कभी सुना होगा । अंग्रेजी के इस शब्द के बारे में वो लोग भी जानते है जिन्होंने कभी कक्षा एक तक की पढ़ाई भी ना की हो । दरअसल लोग System शब्द को उसके प्रयोग से अधिक जानते है । वैसे इसका अर्थ “किसी लक्ष्य को पाने के लिए अपनाया गया तरीका या प्रक्रिया”से  है । पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन पर System के सहारे तस्करी का खेल शुरू हो गया है ।

शराब की बोतलों से भरा पिट्ठू बैग

शराब तस्करी के खेल में भी शब्द काफी प्रचलित हो गया है । सूत्रों के अनुसार दो आरपीएफ कर्मियों की हत्या के बाद रेलवे स्टेशन और आसपास के क्षेत्र में पकड़े जाने पर तस्कर इस शब्द का इस्तेमाल करते है । सूत्रों के अनुसार एक बार फिर से शराब तस्करी का कारोबार इस system शब्द के सहारे डीडीयू जंक्शन पर शुरू हो गया है । दो वर्दीधारियों की मौत पर शराब तस्करों का system भारी पड़ा गया है । इस सिस्टम के सारे बिहार में फिर से छोटी-छोटी खेप में पिट्ठू बैग में शराब भरकर बिहार जाने लगी । हालांकि स्टेशन पर कार्य कर रहा सुरक्षा तंत्र कभी कभी इन नेटवर्क में शामिल लोगों को पकड़कर अपनी साख बचाने का प्रयास करता लेकिन हौसला बुलंद तस्कर इस कार्य में धड़ल्ले से अंजाम देने लगे रहते है ।

कारख़ासों की धूरी पर घूम रहा है System

पुलिस विभाग में कारखास और सिस्टम जैसे शब्द का गहरा नाता है । हालांकि विभाग में कारखास जैसा की पद तो नहीं होता लेकिन इसी के सहारे पूरा सिस्टम चलता है । बाड़मेर एक्सप्रेस में दो आरपीएफकर्मियो की हत्या के बाद डीडीयू जंक्शन की सुरक्षा में लगे तंत्र में कारखासी करने वाले पुलिसकर्मियों की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई थी । उस दौरान कारखासों का सीडीआर खंगाल दिया गया होता तो शायद इस पर सिस्टम का खुलासा हो जाता लेकिन बात साख की थी तो ऐसे में सारा ध्यान दूसरी ओर के केंद्रित कर दिया गया । चर्चा है कि कारखासों की शह पर पूरा System फिर से शुरू हो गया है। खास बात ये है  कि थाने कारखासी करने वाले बिना वर्दी के ही दिन भर चक्रमण करते रहते है ।

जीआरपी के मालखाने में पड़ी है हजारों लीटर शराब

बिहार में। वर्ष 2016 में शराब बंदी हुई । इसके बाद यूपी, हरियाणा से शराब तस्करी का खेल शुरु हो गया । पहले ट्रेन से छोटी छोटी खेप में शराब बिहार जाती थी । सड़क पर सख्ती के ट्रेन शराब तस्करी का जरिए बन गया । इस दौरान जीआरपी ने काफी मात्रा में शराब बरामद की । जिसे उठाकर मालखान रख दिया गया।  जिले में पुलिस अधीक्षक की ओर से न्यायायल के आदेश पर समय समय पर जब्त शराब को नष्ट करा दिया जाता है । जबकि जीआरपी में काफी लंबे समय शराब नष्ट नहीं की गई है । ऐसे में मालखाने में हजारों लीटर शराब पड़े होने की संभावना है। हालांकि कई स्थानों पर चूहों द्वारा शराब पिए जाने की चर्चाएं बहुत तेजी से होती रही है । अब ऐसे में देखना दिलचस्प है कि जीआरपी के मालखाने में जब्त शराब सुरक्षित रखी है या फिर यहां भी शराब चूहे  गटक गए हैं। इस संबंध में जीआरपी सीओ कुंवर प्रभात सिंह ने बताया कि शीघ्र ही न्यायालय के आदेश पर जब्त शराब को नष्ट कराया जायेगा ।

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